1. अपने बारे में बताइए ?
:_ मेरा नाम सौरभ सिन्हा है , अभी वर्तमान में दुमका में रह रहा हूँ , अपनी बचपन की पढ़ाई पहली से मैट्रिक की रामगढ़ में की । उसके बाद इंटर +2 जिला स्कूल, दुमका में की एवम लाइब्रेरी साइंस से स्नातक और परास्नातक सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका से पूरी की।।
2 लेखन में आपकी रूचि कब से है?
_: लेखन में रुचि शुरू से रही है पर ज्यादा लिखने के लिए प्रेरित 2011 से 12 के बीच हुआ । जब इंग्लिश स्पोकन क्लास राजीव मिश्रा सर के पास जाता था । तभी एक एकस्ट्रा डे मिलता था, स्पीच डे और हिंदी स्पीच डे जिसमे अधिकतम 5 से 10 मिनट में अपनी बात रखनी होती थी । तभी से इसमें ज्यादा मन लगने लगा क्योंकि मेरी रुचि किताबों और अखबारों में भी बढ़ने लगी ।
3. लेखन की दुनिया में आपके प्रेरणा स्रोत कौन कौन है?
_: लेखन की दुनिया से फणीश्वर नाथ रेणु,अटल बिहारी वाजपेई, जय शंकर प्रसाद , नीलोप्तल मृणाल मेरे प्रेरणा स्त्रोत है । मेरे लिए ऐसे सभी व्यक्ति प्रेरणा स्रोत रहे जिनसे कुछ ना कुछ सीखने मिला है । जिसमें मेरे पिताजी सुनील कुमार सिन्हा, बड़ा भाई आनन्द सिन्हा साथ ही साथ दुमका, कुनौनी गाँव के तमाम मित्र और मेरे शुभचिंतक । इतने साथ के कारण ही आज बहुत कुछ कहने के प्रयास में हूँ ।
4. अपने लेखन के बारे में बताइए, आप किस प्रकार लिखना पसंद करते है?
:_ मैं हमेशा से समसामियक पहलुओं को लिखने का प्रयास करता हूँ, जिससे मैं हर दिन कुछ नया सीखता हूँ ।
5. अपने काव्य संग्रह "कहने को बहुत कुछ है" के बारे में बताइए?
_: मैं कविताएं काफी वक्त से लिख रहा हूँ , सोचा तो था कि किसी दिन मेरी भी किताब आएगी और अब "कहने को बहुत कुछ है" कविता संग्रह के रूप में मेरी पहली पहली किताब आई तो मै बहुत खुश हूँ और अब इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए और अधिक जोश मेरे अंदर आ गया है ।
7. लेखन के क्षेत्र आने के बाद आपको क्या क्या कठिनाइयां आती है?
_: प्रकाशन को लेकर मन में संकोच रहता था कि किताब कैसे छपेगी। अब जब पहली किताब आ गई है तो ये कठिनाई भी हल हो गई है । वैसे कठिनाइयाँ ही है जो एक अलग मुकाम हासिल करने का रास्ता होती है, लेखन के क्षेत्र में अभी आगे जाने का प्रयास कर रहा हूँ, कठिनाइयों को ददोर करने संघर्ष जारी रखूँगा और मुकाम हासिल करने का प्रयास अनवरत जारी रहेगा ।
7. अब आगे किस किताब की तैयारी है ?
_: अभी तो फिलहाल कविता संग्रह का ढेर सारा प्यार मिल रहा है एमेजॉन पर न्यू रिलीज में टॉप 15 तक के आने की खुशी और पाठको के प्यार से बहुत खुशी मिल रही है । पर आगे उपन्यास, कुछ यात्रा वृतांत और कहानी पर काम करने की कोशिश में लगा हूँ । कोशिश रहेगी जल्द ही वो भी आपके समाने हो ।
8. लायंस पब्लिकेशन के साथ आपका अनुभव कैसा रहा?
_: लायंस पब्लिकेशन मेरे लिए किसी मुकाम को पाने का एक बेहतरीन रास्ता बना । जहाँ मुझे पहली दफा इतना बड़ा मौका नए कलमकार को दिया । पब्लिशर शिवांगी पुरोहित जो ख़ुद इतनी बेहतरीन लेखिका हैं । उनके साथ काम करने का अवसर मुझे मिला ये मेरी लिए बड़ी बात है ।
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